दिल-ए-नादान तुझे हुआ कया है ?
आखिर इस दर्द की दावा कया है ?
हमको उनसे वफ़ा की है
उम्मीदजो नहीं जानते वफ़ा कया है ?
दिल-ए-नादान तुझे हुआ कया है ?
आखिर इस दर्द की दावा कया है ?
हम हैं मुश्ताक और वो बेजारया इलाही !
यें माजरा कया है ?जब की तुझ बिन नहीं कोई
मौजूदफिर यें हंगामा, ऐई खुदा ! कया है !
जान तुम पर निसार करता हूँमैं नहीं जानता दुआ कया है ?
मिर्जा ग़ालिब
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